THE SMART TRICK OF SIDH KUNJIKA THAT NOBODY IS DISCUSSING

The smart Trick of sidh kunjika That Nobody is Discussing

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।

ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे sidh kunjika पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.

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